रेपो रेट कब हुअा था
कोरोना काल में यह लगातार नौवीं बार है जब आरबीआई ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। इससे पहले अक्टूबर में भी सेंट्रेल बैंक ने प्रमुख ब्याज दलों में कोई बदलाव नहीं किया था। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने आगे कहा कि सर्दियां आ गई हैं, इससे सब्जी के दाम में कमी आएगी, जबकि खाने के तेल की कीमतों पर ब्रेक लगाने के लिए सरकार ने कुछ उपाए किए हैं, उनका भी असर दिखने लगा है। उन्होंने आगे कहा कि पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी और राज्यों द्वारा वैट (वीएटी) में कमी करने से उपभोक्ता मांग बढ़ी है। इसके सरकारी उपभोग में भी बढ़ोतरी आई है जिससे मांग को सपोर्ट मिला है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक बार फिर रेपो रेट में बिना कोई बदलाव किए इसे 4 फीसदी पर जारी रखने का फैसला किया है, वहीं रिवर्स रेपो रेट में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार की सुबह इसकी घोषणा की। आरबीआई गवर्नर ने बताया कि रेपो रेट बिना किसी बदलाव के साथ 4 फीसदी पर बरकरार रहेगा और रिवर्स रेपो रेट भी बिना किसी बदलाव के साथ 3.35 फीसदी रहेगा।इसके अलावा आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने ऐलान किया कि मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) रेट और बैंक रेट बिना किसी बदलाव के साथ 4.25 फीसदी रहेगा। इसके अलावा गवर्नर ने कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के बीच देश की जीडीपी ग्रोथ को भी पॉजिटिव में रखा है। उन्होंने कहा 2021-22 में रियल जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 9.5 फीसदी पर बनाए रखा गया है। जबकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति 2021-22 में 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है।