सेकेण्ड पेण्डुलम’ का आवर्तकाल क्या होता है?
सेकेण्ड लोलक का आवर्त काल 2 सेकंड का होता है इसलिए इसे सेकंड लोलक कहते है। अवमंदित सरल आवर्त गति : जब कोई लोलक माध्यम में सरल आवर्त गति करता है तो माध्यम में उपस्थित कणों के कारण सरल लोलक के आयाम में लगातार कमी आती रहती है ऐसी गति को अवमंदित सरल आवृत गति कहते है तथा लगने वाले बल को अवमंदित बल कहते है।
सेकेण्ड पेण्डुलम' का आवर्तकाल 2 सेकेण्ड होता है।