राष्ट्रपति किसकी सलाह पर लोकसभा को उसकी अवधि की समाप्ति से पहले भंग कर सकता है ?
संसद का मूलभूत कार्य विधियों को बनाना है। सभी विधायी प्रस्ताव विधेयकों के रूप में संसद के सामने लाने होते हैं। एक विधेयक प्रारूप में परिनियम होता है और वह तब तक विधि नहीं बन सकता जब तक कि उसे संसद की दोनों सभाओं का अनुमोदन और भारत के राष्ट्रपति की अनुमति न मिल जाए। विधान संबंधी कार्यवाही विधेयक के संसद की किसी भी सभा में पुर:स्थापित किए जाने से आरंभ होती है। विधेयक किसी मंत्री या गैर-सरकारी सदस्य द्वारा पुर:स्थापित किया जा सकता है। मंत्री द्वारा पुर:स्थापित किए जाने पर विधेयक सरकारी विधेयक और गैर-सरकारी सदस्य द्वारा पुर:स्थापित किए जाने पर गैर-सरकारी विधेयक कहलाता है। विधेयक को स्वीकृति हेतु राष्ट्रपति के समक्ष प्रस्तुत करने से पूर्व संसद की प्रत्येक सभा अर्थात लोक सभा और राज्य सभा द्वारा तीन बार वाचन किया जाता है।.