छायावाद की दो विशेषताएं कौनसी हैं?
छायावादी कवि के लिए कोई भी वस्तु काव्य-विषय बनने के लिए उपयुक्त थी। इसी स्वच्छंदतावादी प्रवृत्ति के फलस्वरूप छायावादी काव्य में सौंदर्य और प्रेम चित्रण, प्रकृति-चित्रण,राष्ट्रप्रेम,रहस्यात्मकता,वेदना और करुणा, वैयक्तिक सुख-दु:ख, अतीत प्रेम, कलावाद,प्रतीकात्मकता और लाक्षणिकता,अभिव्यंजना आदि सभी प्रवृत्तियां मिलती है।