हिन्दी की वर्णमाला में कितने स्वर व कितने सम स्वर हैं?
हिंदी वर्णमाला में 11 स्वर और 33 सम स्वर ( व्यन्जन) होते हैं। व्यजन को ही सम स्वर कहते है।
जिन वर्णों के उच्चारण के समय हवा मुंह के किसी भी भाग से बिना टकराए बाहर आती है, उन्हें स्वर कहा जाता है। स्वर स्वतंत्र होते हैं इन्हें बोलते समय किसी अन्य वर्ण का सहारा नहीं लेना पड़ता है। हिन्दी में स्वरों की संख्या 11 है। हिन्दी के स्वर – अ,आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, ऋ व्यंजन― जिन वर्णों का उच्चारण करते समय हवा मुंह के किसी भाग से टकरा कर बाहर आए उन्हें व्यंजन कहते हैं। व्यंजन स्वतंत्र रूप से उच्चरित नहीं किए जा सकते। इन्हें बोलने के लिए स्वरों की मदद की आवश्यकता होती है। हिन्दी भाषा में 33 व्यंजन हैं। हिन्दी के व्यंजन– क् , ख्, ग्, घ् ङ् । च्, छ्, ज्, झ्, ञ् । ट् , ठ्, ड्, ढ्, ण् । त्, थ्, द्, ध् न् । प्, फ्, ब्, भ्, म् । य् र्, ल् , व् श् ष्, स्, ह् । हिन्दी भाषा में तीन संयुक्ताक्षर हैं –क्ष, त्र, ज्ञ
जिन वर्णों के उच्चारण के समय हवा मुंह के किसी भी भाग से बिना टकराए बाहर आती है, उन्हें स्वर कहा जाता है। स्वर स्वतंत्र होते हैं इन्हें बोलते समय किसी अन्य वर्ण का सहारा नहीं लेना पड़ता है। हिन्दी में स्वरों की संख्या 11 है। हिन्दी के स्वर – अ,आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, ऋ व्यंजन― जिन वर्णों का उच्चारण करते समय हवा मुंह के किसी भाग से टकरा कर बाहर आए उन्हें व्यंजन कहते हैं। व्यंजन स्वतंत्र रूप से उच्चरित नहीं किए जा सकते। इन्हें बोलने के लिए स्वरों की मदद की आवश्यकता होती है। हिन्दी भाषा में 33 व्यंजन हैं। हिन्दी के व्यंजन– क् , ख्, ग्, घ् ङ् । च्, छ्, ज्, झ्, ञ् । ट् , ठ्, ड्, ढ्, ण् । त्, थ्, द्, ध् न् । प्, फ्, ब्, भ्, म् । य् र्, ल् , व् श् ष्, स्, ह् । हिन्दी भाषा में तीन संयुक्ताक्षर हैं –क्ष, त्र, ज्ञ