अनुच्छेद 388 क्या है?

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Dileep Vishwakarma

2 years ago

भारतीय दंड संहिता की धारा 388 के अनुसार, जो कोई किसी व्यक्ति को स्वयं उसके विरुद्ध या किसी अन्य व्यक्ति के विरुद्ध यह अभियोग लगाने के भय में डालकर कि उसने कोई ऐसा अपराध किया है, या करने का प्रयत्न किया है, जो मॄत्यु से या 1[आजीवन कारावास] से या ऐसे कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दंडनीय है

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