मूत्र’ बनने की मात्रा का नियमन किस प्रकार होता है?

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Dileep Vishwakarma

2 years ago

Solution : (i) गर्मी के दिनों में शरीर की सतह से बहुत सारा पानी पसीने के रूप में त्वचा से उत्सर्जित होता है। इससे मूत्र में पानी को कम करने की आवश्यकता होती है ताकि शरीर में पानी का संरक्षण हो सके। इसलिए, वृक्काणु के विभिन्न भाग, जैसे PCT, DCT, हैनले का लूप पानी को दोबारा से अवशोषित कर लेते हैं।

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