2 किग्रा द्रव्यमान का पिण्ड 20 मीटर की ऊँचाई से विरामावस्था से भूमि पर गिरने में 20 मीटर-सेकण्ड-1 की चाल से भूमि पर पहुँचता है। गणना द्वारा सिद्ध कीजिए कि यह आँकड़े यान्त्रिक ऊर्जा के संरक्षण की पुष्टि करते हैं। (g = 10 मी.से-2)
20 मीटर की ऊँचाई पर पिण्ड की स्थितिज ऊर्जा = mgh = 2 x 10 x 20 = 400 जूल। तथा गतिज ऊर्जा = शून्य अतः कुल ऊर्जा = 400 जूल + 0 जूल = 400 जूल पृथ्वी तल पर पहुँचने से स्थितिज ऊर्जा = शून्य तथा गतिज ऊर्जा = \frac { 1 }{ 2 }mv² = \frac { 1 }{ 2 }x 2 x (20)² = 400 जूल कुल ऊर्जा = 0 + 400 जूल = 400 जूल। अतः पिण्ड की जितनी ऊर्जा ऊपर थी उतनी ही पृथ्वी तल पर पहुँचकर है। अत: ये आँकड़े ऊर्जा के संरक्षण की पुष्टि करते हैं।