अंग्रेज किसके विकल्प के रूप में चीन को अफीम बेचते थे ? सोना चाँदी सूती कपड़े चाय

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Dileep Vishwakarma

2 years ago

चाय:-18वीं सदी में भारत, चीन और ब्रिटेन के बीच व्यापार को त्रिकोणीय व्यापार की संख्या दी गयी है। अंग्रेज ईस्ट इंडिया कंपनी चीन से चाय और रेशम खरीद कर उसे इंग्लैण्ड में बेचती थी। जैसे-जैसे चाय लोकप्रिय पदार्थ बन गयी, चाय का व्यापार और महत्त्वपूर्ण बन गया। इस समय तक इंग्लैण्ड कोई भी ऐसी वस्तु नहीं बनाता था जिसे चीन में बेचा जा सके। ऐसी स्थिति में पश्चिमी व्यापारी चाय का व्यापार करने के लिए पैसे का प्रबन्ध नहीं कर सकते थे। वे चाय की खरीद केवल चाँदी के सिक्के (बुलियन) देकर ही कर सकते थे। इसका आशय था कि इंग्लैण्ड का खजाना एक दिन रिक्त हो जाएगा। अंततः अंग्रेजों ने यह निश्चित किया कि अफीम भारत में उगायी जाए और इसे चीन में बेचकर लाभार्जन किया जाए।

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Dileep Vishwakarma

2 years ago

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