वन-विनाश और औपनिवेशिक वन कानूनों का भारतीयों के जन-जीवन पर प्रभाव बताइए।
Answer. भारत में प्राचीन काल से वन उत्पादों का व्यापार बड़े पैमाने पर होता रहा है। घुमंतू समुदायों द्वारा वन उत्पादों जैसे बाँस, मसाले, गोंद, राल, खाल, सींग, हाथी दांत और रेशम के कोर्म आदि की बिक्री एक सामान्य प्रक्रिया थी परंतु औपनिवेशिक शासन में यह व्यवसाय पूरी तरह अंग्रेजों के नियंत्रण में चला गया।