ऐसे दो देशों का उदाहरण दीजिए जहाँ नागरिकों को मतदान के समान अधिकार नहीं हैं?
भारत में लोकतंत्र का महापर्व जारी है। सत्ता के महासंग्राम यानी लोकसभा चुनाव के लिए मतदान के सात में से चार चरण पूरे हो चुके हैं। चुनाव आयोग बेहतर मतदान के लिए हरसंभव कोशिश कर रहा है। मतदाताओं की संख्या के लिहाज से भारत दुनिया के हर देश के आगे है। यहां 90 करोड़ मतदाता हैं, लेकिन फिर भी मतदान प्रतिशत उस स्तर पर नहीं पहुंच पाया है जिसकी अपेक्षा थी। लोकतंत्र में मत का जो महत्व है उसे नकारा नहीं जा सकता है। लोकतंत्र का आधार ही लोगों का मत है।