भारत का संविधान कहता है कि कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अतिरिक्त किसी भी व्यक्ति से उसके व्यक्तिगत जीवन की स्वतंत्रता का अधिकार नहीं छीना जा सकता।” इस कथन से आप क्या समझते हैं?
भारतीय संविधान में जीवन का अधिकार संविधान में जीवन के अधिकार को मूल अधिकारों की श्रेणी में रखा गया है। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 कहता है कि “किसी भी व्यक्ति को विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अतिरिक्त उसके जीवन और वैयक्तिक स्वतंत्रता के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है”।