किस बोद्ध भिक्षु के प्रभाव में अशोक ने बोद्ध धर्म ग्रहण किया ?

user image

Sundaram Singh

2 years ago

भारत में बौद्ध धर्म का जन्म ईसा पूर्व 6 वी शताब्दी को हुआ था किन्तु कालक्रम में भारत से बौद्ध धर्म लगभग समाप्त हो गया जबकि विश्व के अन्य भागों में बौद्ध धर्म का प्रसार एवं विकास होता रहा। बौद्ध धर्म का विकास ईसा पूर्व ६ वी शताब्दी से प्रारम्भ होकर, सम्राट अशोक द्वारा कलिंग में लाखों लोगों का नरसंहार करने के पश्चात नरमुंडों के पहाड़ देखकर आत्मग्लानि के कारण बौद्ध धर्म स्वीकार कर राज्यधर्म के रूप में प्रतिस्थापित किया। जो कालांतर में उनके राज प्रभुत्व के कारण भारत में ही नहीं- चीन, जापान, स्याम, लंका, अफगानिस्तान, सिंगापुर, थाईलैंड और एशिया के पश्चिमी देशों के समस्त राष्ट्रों तक फैल गया। सम्राट् अशोक जैसा इतिहास प्रसिद्ध सम्राट् ने कलिंग युद्ध के पश्चात उसके बौद्ध धर्म ग्रहन करने पर इसे राजधर्म बना दिया गया। कुछ विद्वानो का यह भी कहा है कि बौद्ध धर्म के भिक्षुओं का नैतिक आचरण गिर जाने के कारण ही बौद्ध धर्म का पतन हुआ है किन्तु यह सत्य नहीं है। प्रत्येक धर्म कि शुरुआत अच्छे उद्देश्यों से होती है किन्तु बाद में इसमे तरह तरह की भ्रांतिया आ जाती है वैसे ही बौद्ध धर्म के साथ भी हुआ था। किन्तु केवल यह कारण ही पर्याप्त नहीं है। बौद्धकाल ने ना केवल वृहद विकास का दौर देखा है अपितु सशक्त प्रथम केन्द्रिय सत्ता भी देखी है। ईस काल में भारतवर्ष् अध्यात्म एवम ज्ञान का केन्द्र बन गया था। बौद्ध धर्म के तीव्र विस्तार से उस समय धार्मिक एवम राजनैतिक के अतिरिक्त आर्थिक विकास भी खूब हुआ। भारत में बौद्ध धर्म के पतन के अनेक कारण गिनाये जाते हैं।

Recent Doubts

Close [x]