किसी दर्पण से आप चाहे कितनी ही दूरी पर खड़े हों, आपका प्रतिबिंब सदैव सीधा पतीत होता है। संभवतः तर्पण है –
प्रकाश - परावर्तन तथा अपवर्तन किसी दर्पण से आप चाहे कितनी ही दूरी पर खड़े हो, आपका प्रतिबिंब सदैव सीधा प्रतीत होता है तो दर्पण या तो समतल अथवा उत्तल होना चाहिए। किसी दर्पण से आप चाहे कितनी ही दूरी पर खड़े हो, आपका प्रतिबिंब सदैव सीधा प्रतीत होता है तो दर्पण या तो समतल अथवा उत्तल होना चाहिए।