ड और ड़ में अंतर क्या है
ड बोलने के लिए हमारी जीभ को मुँह की छत को बहुत भीतर तक जाकर छूना होता है (इस स्थान को मूर्धा कहते हैं) जबकि ड़ बोलते समय मुँह की छत को बस छूकर निकल भागना होता है (ड और ड़ बोलकर देखिए)।
ड बोलने के लिए हमारी जीभ को मुँह की छत को बहुत भीतर तक जाकर छूना होता है (इस स्थान को मूर्धा कहते हैं) जबकि ड़ बोलते समय मुँह की छत को बस छूकर निकल भागना होता है (ड और ड़ बोलकर देखिए)।