क्रिया विशेषण क्रिया विशेषण वह शब्द होता है जो हमें क्रिया की विशेषता बताते हैं दूसरे शब्दों में कहें तो जींस शब्दों से क्रिया की विशेषता का पता चलता है उन शब्दों को हम क्रियाविशेषण कहते हैं। क्रिया विशेषण के चार भेद होते हैं। १ कालवाचक क्रियाविशेषण २ रीतिवाचक क्रियाविशेषण ३ स्थान वाचक क्रियाविशेषण ४ परिमाणवाचक क्रियाविशेषण १ कालवाचक क्रिया विशेषण - जिन क्रिया शब्दों से किसी कार्य के संपन्न होने का समय ज्ञात होता है उसे कालवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं। ֎जैसे अब,तक,सदा,तभी,तत्काल इत्यादि २ रीतिवाचक क्रियाविशेषण - ऐसे अविकारी शब्द जो हमें क्रिया के होने के तरीके या विधि के बारे में बताते हैं उन्हें रीतिवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं। ֎जैसे खरगोश तेज दौड़ता है। ३ स्थानवाचक क्रियाविशेषण- जो क्रिया के होने वाली जगह का बोध कराते हैं अर्थात जहां प्रिया हो रही है उस जगह का ज्ञान करने वाले सब को स्थानवाचक क्रिया विशेषण कहते हैं। ֎जैसे यहां,जहां,बाहर इत्यादी। ४ परिमाणवाचक क्रियाविशेषण- ऐसे अविकारी शब्द जो हमें क्रिया के परिमाण तथा उसकी मात्रा,संख्या के बारे में बताते हैं उन्हें परिमाणवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं। ֎जैसे-थोड़ा,अल्प,प्रभुता,इत्यादि।
a. बाहर भीतर