Q.37 (1) बरेबेरिस नाइलजीरेनसिस (2) बेन्टिनकिया निकोबारिया (3) पोडोफायलम (4) नेफेन्थिज खासियाना कुछ वर्ष पूर्व भूरा पादप फुदक (Nilaparvata hunges) ने कौनसी कृषि को आपत्तिजनक बनाया था?
कृषि को लाभकारी धन्धा बनाने और पांच साल में कृषि की आय को दुगुना करने के सरकार के संकल्प को पूरा करने की दिशा में कटनी जिले के बहोरीबंद विकासखण्ड के खड़रा निवासी मनीष दुबे ने गेहूं और उड़द की परम्परागत खेती को छोड़कर जैविक तरीके से औषधीय फसलों का उत्पादन लेकर कृषि आय चार गुनी कर ली है। सेवानिवृत्त रेंजर राम सेवक दुबे के पुत्र मनीष दुबे ने बीए तक की पढ़ाई करने के बाद परम्परागत खेती से अलग औषधीय पौधों की फसल लेने का मन बनाया। उन्होने पूरी मेहनत और लगन से परम्परागत खेती से होने वाली प्रति हैक्टेयर 30 से 32 हजार रुपये की आमदनी को बढ़ाकर औषधीय फसलों के माध्यम से एक लाख 11 हजार रुपये प्रति हैक्टेयर तक पहुंचा दी है। अब वह अपनी उन्नत खेती से 10 से 12 लाख रुपये वार्षिक आमदनी प्राप्त कर रहे हैं।