किस शासक को जगबेटकर कहा जाता था?
एक अभिलेख में देवराय द्वितीय को 'गजबेटकर' (हाथियों का शिकारी) कहा गया है। पौराणिक आख्यानों में उसे इन्द्र का अवतार बताया गया है। 1446 ई. में उसकी मृत्यु हो गई थी।
देवराय द्वितीय (शासनकाल 1424-1446 ई), संगम राजवंश से विजयनगर साम्राज्य के एक सम्राट थे। देवराय द्वितीय संगम वंश का सबसे प्रतापी राजा था।(कृष्णदेव राय के पूर्वगामी थे) वे संभवतः संगम राजवंश के महानतम सम्राट थे और उन्होंने कुछ समकालीन प्रसिद्ध कन्नड़ तथा तेलुगु कवियों को संरक्षण प्रदान किया। लक्कना दंडेसा, चामासा, जक्कनार्या तथा कुमार व्यास जैसे कन्नड़ कवि और श्रीनाथ (जिन्हें स्वर्ण मुद्राओं अर्थात टंका से नहला दिया गया था) जैसे तेलुगु कवि इनमे सबसे अधिक प्रसिद्ध हैं। ऐसा कहा जाता है कि श्रीनाथ का दर्जा उनके दरबार में वरिष्ठ मंत्रियों के ही समान था और वे सम्राट के साथ स्वतंत्रता पूर्वक घूमते थे। राजा स्वयं एक विद्वान थे और उन्होंने कन्नड़ में सोबागिना सोने तथा संस्कृत में महानाटक सुधानिधि तथा ब्रह्मसूत्र का लेखन किया था। देवराय द्वितीय को गजबेटकर(हाथियों का शिकारी) कहा गया है।