ट्रस्टीशिप का सिद्धांत किसने दिया था?
महात्मा गांधी के ट्रस्टीशिप सिद्धान्त के अनुसार जो व्यक्ति अपनी आवश्यकताओं से अधिक संपत्ति एकत्रित करता है, उसे केवल अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु संपत्ति के उपयोग करने का अधिकार है, शेष संपत्ति का प्रबंध उसे एक ट्रस्टी की हैसियत से देखभाल कर समाज कल्याण पर खर्च करना चाहिए।
ट्रस्टीशिप- ट्रस्टीशिप एक सामाजिक-आर्थिक दर्शन है जिसे गांधी जी द्वारा प्रतिपादित किया गया था। यह अमीर लोगों को एक ऐसा माध्यम प्रदान करता है जिसके द्वारा वे गरीब और असहाय लोगों की मदद कर सकें। यह सिद्धांत गांधी जी के आध्यात्मिक विकास को दर्शाता है, जो कि थियोसोफिकल लिटरेचर और भगवद्गीता के अध्ययन से उनमें विकसित हुआ था।