क्या आपको लगता है कि यह कहानी आजादी की लड़ाई की ओर भी संकेत करती है?
हाँ, हीरा-मोती ने अपनी परतंत्रता से मुक्ति पाने के लिए जिस तरह से नाना प्रकार की कठिनाइयाँ सहीं और मृत्यु के करीब जाकर भी बच निकले। वे अंततः अपने घर वापस आ गए, इससे यही संकेत मिलता है। हीरा-मोती गया के घर से पहली बार रस्सी तुड़ाकर आ जाते हैं। वे दुबारा गया के घर जाते हैं, तो उन्हें अपमानित और प्रताड़ित होना पड़ता है। और भूखा भी रहना पड़ता है। वहाँ से भागने पर उन्हें साँड रूपी मुसीबत का सामना करना पड़ता है। अंत में कांजीहौस में बंद होना तथा कसाई के हाथों बिकना तथा इसके उपरांत भी बचकर झुरी के पास आ जाना आदि आजादी की लड़ाई की ओर संकेत करती है।