मोती के स्वभाव में उग्रता है’–उदाहरण द्वारा स्पष्ट कीजिए।
मोती का स्वभाव उग्र है। वह अत्याचार एवं शोषण का विरोध करता है। वह अपने ऊपर ही नहीं हीरा पर भी अत्याचार देखकर क्रोधित हो उठता है और अत्याचार का सामना करने के लिए आक्रमण कर देता है। इसके एक नहीं अनेक उदाहरण हैं। गया जब हीरा की नाक पर डंडे बजाता है तो क्रोधित मोती हल जोत, जुआ लेकर भागता है। गया और उसके साथी जब उसे पकड़ने आते हैं तो वह कहता है-”मुझे मारेगा तो मैं भी एक दो गिरा दूंगा।” इसी तरह वह गया का अत्याचार देखकर एकाध को सींगों पर उठाकर फेंक देने की बात कहता है। वह गिरे हुए शत्रु पर भी दया दिखाने का पक्षधर नहीं है। वह वेदम साँड को मार डालना चाहता है। उसका विचार है कि वैरी को ऐसा मारना चाहिए कि फिर न उठे। यह मोती के स्वभाव की उग्रता है कि दढ़ियल को सींग दिखाकर गाँव के बाहर इस तरह खदेड़ देता है कि वह लौटकर आने का साहस नहीं जुटा पाता है।