उपभोक्तावादी संस्कृति का व्यक्ति विशेष पर क्या प्रभाव पड़ा है? उपभोक्तावाद की संस्कृति पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उपभोक्तावादी संस्कृति ने व्यक्ति विशेष को गहराई तक प्रभावित किया है। व्यक्ति इसके चमक-दमक और आकर्षण से बच नहीं पाया है। व्यक्ति चाहता है कि वह अधिकाधिक सुख-साधनों का प्रयोग करे। इसी आकांक्षा में वह वस्तुओं की गुणवत्ता पर ध्यान दिए बिना उत्पाद के वश में हो गया है। इससे उसके चरित्र में बदलाव आया है। विज्ञापनों की अधिकता से व्यक्ति उन्हीं वस्तुओं को प्रयोग कर रहा है जो विज्ञापनों में बार-बार दिखाई जाती है। व्यक्ति महँगी वस्तुएँ खरीदकर अपनी हैसियत का प्रदर्शन करने लगा है।