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Preeti Tripathi

Class 9th
Hindi
2 years ago

आपने यह व्यंग्य पढ़ा। इसे पढ़कर आपको लेखक की कौन-सी बातें आकर्षित करती हैं?

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Abhishek Mishra

2 years ago

क) जूता धनवान, शक्ति और सत्तासीन लोगों का प्रतीक है जबकि टोपी ज्ञानवान और गुणवानों का। दुर्भाग्य से समाज में सदा से ही ज्ञानवानों की अपेक्षा धनवानों को मान-सम्मान प्रदान किया गया है। ज्ञानवानों को सदा ही धनवानों के सामने झुकना पड़ा है। कुछ ज्ञानवान भी अपना स्वाभिमान भुलाकर दूसरों के जूतों पर कुरबान होते आए हैं। (ख) प्रेमचंद आडंबर एवं दिखावे से दूर रहने वाले व्यक्ति थे। वे जिस हाल में थे, उसी में खुश रहते थे। उनके पास दिखावा करने योग्य कुछ न था। इसके विपरीत कुछ लोग अपनी कमियों को छिपाने के लिए तरह-तरह के उपाय अपनाते हैं। लेखक ने लोगों की इसी प्रवृत्ति पर व्यंग्य किया है। (ग) यह एक सामान्य-सा नियम है कि व्यक्ति जिस वस्तु को घृणा के योग्य समझता है उसे पैर से इशारा करता है। यहाँ प्रेमचंद सामाजिक कुरीतियों एवं बुराइयों को घृणित समझते थे। वे उनकी ओर पैर की उँगली से इशारा करके उनसे संघर्ष करते रहे।

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Abhishek Mishra

2 years ago

प्रेमचंद की वेषभूषा देखकर लेखक उनकी पोशाक पर टिप्पणी करता है पर तुरंत ही अपनी टिप्पणी बदल लेता है। समाज में फैली दिखावे की प्रवृत्ति सच्चा चित्रण है। समाज में फैली रुढ़ियाँ, कुरीतियाँ व्यक्ति की राह में रोड़ा उत्पन्न करती हैं, इसे दर्शाया गया है। लेखक प्रेमचंद के जूते फटे होने के कारणों पर अनेक संभावनाएँ प्रकट करता है। कुंभनदास का प्रकरण एकदम सटीक बन पड़ा है।

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