जावा में वन कानून कैसे बनाए गए?
19वीं सदी में जावा में ग्रामीणों की पहुंच को प्रतिबंधित करने के लिए वन कानून बनाए गए थे। ग्रामीण किसी भी काम के लिए जंगलों का उपयोग नहीं कर सकते थे, उन्हें कच्चा माल और मवेशी, घोड़े आदि चराने की अनुमति नहीं थी। लकड़ी का उपयोग केवल घरों, नावों के निर्माण के लिए नज़दीकी निगरानी में किया जाता था। ग्रामीणों को बिना अनुमति के वन वस्तुओं का उपयोग करने के लिए दंडित किया गया था।