भारत में मानसूनी वर्षा की विशेषताएँ और प्रभाव बताइए।

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Vivek Singh

2 years ago

भारत में मानसूनी वर्षा की मुख्य विशेषताएँ और प्रभाव इस प्रकार हैं: दक्षिण-पश्चिम मानसून से प्राप्त वर्षा मौसमी प्रकृति की होती है, जो जून और सितंबर में होती है। मानसूनी वर्षा काफी हद तक क्षेत्र की राहत या स्थलाकृति से प्रभावित होती है। गर्मियों में भारी बारिश होती है जिससे काफी अपवाह और मिट्टी का कटाव होता है। देश की कृषि अर्थव्यवस्था में भी मानसून एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि देश में कुल वर्षा का बड़ा हिस्सा अग्रिम या दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम के दौरान प्राप्त होता है। इस वर्षा का उपयोग सिंचाई के लिए किया जाता है। बारिश की शुरुआत कभी-कभी पूरे देश या देश के किसी हिस्से में काफी देर से होती है। बारिश कभी-कभी सामान्य से बहुत पहले समाप्त हो जाती है, जिससे खड़ी फसलों को बहुत नुकसान होता है और सर्दियों की फसलों की बुवाई मुश्किल हो जाती है।

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