कार्ल मार्क्स का मानना था कि श्रमिकों को ______________ और निजी संपत्ति के शासन को उखाड़ फेंकना था।
कार्ल मार्क्स समाजवाद की व्याख्या इस प्रकार करते हैं- कार्ल मार्क्स का मानना था कि समाज दो वर्गों में बंटा हुआ है- पूंजीपति जो भूस्वामी हैं, कारखाने के मालिक और मजदूर वर्ग जिसमें मजदूर शामिल हैं। मजदूर कारखाने के मालिकों के लिए काम करता है और कारखाने के मालिक को लाभ प्राप्त करने में मदद करता है। लेकिन मजदूर द्वारा अर्जित मजदूरी उसके द्वारा खर्च किए गए समय या नौकरी की कठोरता के बराबर नहीं है। व्यवसाय से अर्जित अधिशेष भूस्वामियों द्वारा अपने लिए ले लिया जाता है। यह अमीर को अमीर और गरीब को गरीब बनाता है। कार्ल मार्क्स ने इसका कड़ा विरोध किया और उनका मानना है कि श्रमिक जो 90 प्रतिशत आबादी हैं, उनमें पूंजीवाद और निजीकरण को उखाड़ फेंकने की ताकत है।