झारखण्ड में झूम खेती को क्या कहते हैं
प्रतिवर्ष जंगल को काटकर की जाने वाली खेती को झूम खेती कहते हैं। झूम खेती करने का तरीका एक आदिम तरीका है, जिसमें जंगल में रहने वाले आदिवासी वृक्षों तथा वनस्पतियों को काटकर उन्हें जला देते थे और फिर भूमि पर खेती करते थे।
झूम खेती को वालरा भी कहा जाता है और बर्न कृषि फसल उगाने वाली कृषि गतिविधि का एक रूप है।भारत की पूर्वोत्तर पहाड़ियों में आदिम जातियों द्वारा की जाने वाली इस प्रकार की कृषि को झूम कृषि कहते हैं। इस प्रकार की स्थानांतरणशील कृषि को श्रीलंका में चेना, हिन्देसिया में लदांग और रोडेशिया में मिल्पा कहते हैं। यह खेती मुख्यतः उष्णकटिबंधीय वन प्रदेशों में की जाती