दास प्रथा का अंत किसने किया?
दास प्रथा का अंत 1562 में, अकबर ने किया.दास प्रथा (अंग्रेज़ी: Slavery) काफ़ी पुराने समय से सिर्फ़ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में व्याप्त रही है.मानव समाज में जितनी भी संस्थाओं का अस्तित्व रहा है उनमें सबसे भयावह दासता की प्रथा है. एशिया, यूरोप, अफ्रीका, अमरीका आदि सभी भूखंडों में उदय हानेवाली सभ्यताओं के इतिहास में दासता ने सामाजिक, राजनीतिक तथा आर्थिक व्यवस्थाओं के निर्माण एवं परिचालन में महत्वपूर्ण योगदान किया है।
अकबरनामा अबुल फजल ने लिखी