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Geeta Pandey

Ssc & Railways
General Awareness
3 years ago

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Dileep Vishwakarma

3 years ago

गुप्त काल में सोने के सिक्के जारी थे जिन्हें स्वर्ण मुद्राएं कहा जाता था। गुप्त राजाओं ने सबसे अधिक स्वर्ण मुद्राएं जारी की, जो उनके अभिलेखों में दीनार कही गई हैं । नियंत्रित आकार और भार वाली ये स्वर्ण मुद्राएं अनेक प्रकारों और उपप्रकारों में पाई जाती है । यद्यपि स्वर्णाश में ये मुद्राएं उतनी शुद्ध नहीं हैं, जितनी कुषाण मुद्राएं । कुषाणों के विपरीत गुप्तों के तांबे के सिक्के बहुत ही कम मिलते हैं । इससे यह प्रकट होता है कि जनसामान्य में मुद्रा का प्रयोग जितना कुषाणों के समय होता था, उतना अब नहीं रहा ।

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