भारत में सूती वस्त्रों की राजधानी किसे कहा जाता है? सूती वस्त्र भारत का सबसे प्राचीन एवं बड़ा उद्योग है। 1818 में कोलकता के निकट फोर्ट ग्लास्टर में आधुनिक ढंग की सूती वस्त्र की प्रथम मिल की स्थापना हुई थी जो असफल रही। 1851 में महाराष्ट्र मुम्बई में एक मिल की स्थापना पुनः की गयी, किन्तु वो भी असफल रही। 1854 में मुम्बई में ही 'कावसजी डाबर' द्वारा सूती वस्त्र का कारखाना फिर से शुरू हुआ। जो देश का पहला सफल कारखाना बना। इस कारखाने में उत्पादन 1856 से शुरू हुआ। इस कारण भारत में सूती वस्त्र की राजधानी मुंबई को कहा जाता है। इसके बाद भारत सूती वस्त्र उद्योग में पूर्ण रूप से सक्षम हो गया और निरंतर आगे बढ़ते गया। सूती वस्त्र उद्योग भारत का प्राचीन और बड़ा उद्योग है तभी इस कार्य में भारत की सर्वाधिक जनसंख्या तकरीबन 5 करोड़ से अधिक इसी कार्य में कार्यरत है। महाराष्ट्र के बाद सूती वस्त्र उद्योग में गुजरात राज्य का भारत में दूसरा स्थान है। इनके अलावा UP, MP, WB, तमिलनाडु, आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल आदि राज्यों में भी सूती वस्त्र उद्योग की प्रमुखता है।