42. ‘गुलरुखी’ के नाम से कौन जाना जाता था?
सिकंदर लोदी 'गुलरूखी' के उपनाम से फारसी में कविताएं लिखता था।
सिकन्दर लोदी' बहलोल लोदी का पुत्र एवं उत्तराधिकारी था। उसका मूल नाम 'निजाम ख़ाँ' था और यह 17 जुलाई, 1489 ई. को 'सुल्तान सिकन्दर शाह' की उपाधि से दिल्ली के सिंहासन पर बैठा। सिकन्दर लोदी स्वर्णकार हिन्दू माँ की संतान था। वह विद्या का पोषक था। वह विद्वानों और दार्शनिकों को बड़े-बड़े अनुदान देता था। सुल्तान के प्रयत्नों से कई संस्कृत ग्रंथ फ़ारसी भाषा में अनुवादित हुए। उसके आदेश पर संस्कृत के एक आयुर्वेद ग्रंथ का फ़ारसी में ‘फ़रहंग-ए-सिकन्दरी’ के नाम से अनुवाद हुआ। सिकन्दर लोदी का उपनाम ‘गुलरुखी’ था। इसी उपनाम से वह कविताएँ लिखा करता था। उसने संगीत के एक ग्रन्थ ‘लज्जत-ए-सिकन्दरशाही’ की भी रचना की थी।