किस मुगल शासक ने अपनी आत्मकथा फ़ारसी में लिखी है?
बाबर ने अपनी आत्मकथा 'बाबरनामा' तुर्की में लिखी थी तथा बाबर ने कविता संग्रह 'दीवा' तुर्की में ही लिखा था। जहांगीर ने अपनी आत्मकथा 'तुजुके जहांगीरी' को अपने शासन काल के 17वें वर्ष तक फारसी में लिखा, बाद में मोतमिद खां ने इसे पूरा किया। अकबर की जीवन 'अकबरनामा' फारसी में अबुल फजल ने लिखा तथा जहांगीर ने फारसी भाषा में 'तुजुके जहांगीरी' नामक आत्मकथा लिखी।
मुगल सम्राट बाबर ने अपनी आत्मकथा बाबरनामा लिखी।