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Khushboo

Ssc & Railways
General Awareness
2 years ago

हाइड्रोजन बम किस सिद्धांत पर आधारित है? [A] नियंत्रित विखण्डन अभिक्रिया [B] अनियंत्रित विखण्डन अभिक्रिया [C] नियंत्रित संलयन अभिक्रिया [D] अनियंत्रित संलयन अभिक्रिया

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Abhishek Mishra

2 years ago

Answer : अनियंत्रित संलयन अभिक्रिया Explanation : हाइड्रोजन बम अनियंत्रित संलयन अभिक्रिया सिद्धांत पर आधारित होता है। हाइड्रोजन बम (Hydrogen Bomb) जिसकी संहारिक क्षमता परमाणु बम से कई गुणा ज्यादा होती है, के निर्माण में नाभिकीय संलयन का सिद्धांत निहित है। नाभिकीय संलयन प्रक्रिया में द्रव्यमान की सदैव क्षति होती है, जो आइन्सटीन समीकरण E = mc2 के अनुसार ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है। यही कारण है कि इस प्रक्रिया में अपार ऊर्जा मुक्त होती है, साथ ही इस प्रक्रिया के प्रारंभ हो जाने पर इसमें मुक्त ऊर्जा इस प्रक्रिया को जारी रखने के लिए पर्याप्त होती है। जब दो या दो अधिक हल्के नाभिक, अत्यधिक उच्च ताप पर परस्पर संयोग कर भारी नाभिक का निर्माण करते हैं तो इस प्रक्रिया को नाभिकीय संलयन कहते है। इस क्रिया को प्रारंभ करने के लिए उच्च ताप (लगभग 2 × 107 °C) की आवश्यकता पड़ती है। इसमें लगभग 26.7 Mev ऊर्जा उत्पन्न होती है। इसको नियंत्रित नहीं किया जा सकता है। हाइड्रोजन बम का निर्माण इसी सिद्धांत पर किया गया है। ...

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