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Alok Singh

Ssc & Railways
General Awareness
2 years ago

पचतंत्र के रचनाकार है —

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Sundaram Singh

2 years ago

संस्कृत नीतिकथाओं में पंचतन्त्र का पहला स्थान माना जाता है। यद्यपि यह पुस्तक अपने मूल रूप में नहीं रह गयी है, फिर भी उपलब्ध अनुवादों के आधार पर इसकी रचना तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व[1] के आस-पास निर्धारित की गई है। इस ग्रंथ के रचयिता पं॰ विष्णु शर्मा हैं, कहीं-कहीं रचयिता का नाम 'बसुभग' आया है। [2]उपलब्ध प्रमाणों के आधार पर कहा जा सकता है कि जब इस ग्रन्थ की रचना पूरी हुई, तब उनकी उम्र लगभग 80 वर्ष थी। पंचतन्त्र को पाँच तन्त्रों (भागों) में बाँटा गया है:

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