पशुपतिनाथ पंथ के अनुसार, शिव पशु के देवता हैं। यहां पशु का आशय किससे है?
पाशुपत सम्प्रदाय ने पाशुपत नाम शिव की एक उपाधि पशुपति से लिया है, जिसका अर्थ है 'पशुओं के देवता', इसका अर्थ बाद में विस्तृत होकर 'प्राणियों के देवता' हो गया। सम्पूर्ण जैव जगत् के स्वामी के रूप में शिव की कल्पना इस सम्प्रदाय की विशेषता है। यह कहना कठिन है कि, सगुण उपासना का शैव रूप अधिक प्राचीन है अथवा वैष्णव।