42वें संविधान संशोधन द्वारा जोड़ा गया नया अनुच्छेद संबंधित है - A.सम्पत्ति के अधिकार से B.मूल कर्तव्यों से C.भूमि सुधार से D.व्यवसाय से
विवरणप्रस्तावनाप्रस्तावना में तीन शब्द ‘समाजवादी‘, ‘धर्मनिरपेक्ष‘ और ‘अखंडता‘ जोड़े गएभाग VI के अंतर्गत जोड़े गए नए निर्देशडीपीएसपी की विद्यमान सूची में तीन नए डीपीएसपी जोड़े गए एवं एक में संशोधन किया गया: अनुच्छेद 39: बालकों के स्वस्थ विकास के लिए अवसरों को सुरक्षित करना। अनुच्छेद 39 ए: समान न्याय को बढ़ावा देना एवं गरीबों को निशुल्क विधिक सहायता प्रदान करना अनुच्छेद 43 ए: उद्योगों के प्रबंधन में श्रमिकों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाना। अनुच्छेद 48 ए: पर्यावरण की रक्षा और संवर्धन करने के लिए एवं वनों तथा वन्य जीवन की रक्षा करने हेतु सातवीं अनुसूची के अंतर्गत समवर्ती सूचीराज्य सूची से पांच विषयों को समवर्ती सूची में स्थानांतरित किया गया: शिक्षा वन वजन और माप वन्यजीवों एवं पक्षियों के संरक्षण न्याय प्रशासन नया भाग IV ए (अनुच्छेद 51 ए) जोड़ा गयानागरिकों के लिए 10 मौलिक कर्तव्य जोड़े गए। (नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों को 1976 में सरकार द्वारा गठित स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिशों पर जोड़ा गया था)। *11वां मौलिक कर्तव्य 86 वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा जोड़ा गया था: माता-पिता अथवा अभिभावक को अपने बच्चे या, जैसा भी मामला हो, छह से चौदह वर्ष की आयु के बच्चे को शिक्षा का अवसर प्रदान करना है)। भाग XIV ए (अनुच्छेद 323 ए एवं 323 बी) जोड़ा गया‘प्रशासनिक न्यायाधिकरण’ एवं ‘अन्य विषयों के लिए अधिकरण’ का प्रावधान कियाअनुच्छेद 74(1) में संशोधन कियाराष्ट्रपति को मंत्रिपरिषद की सलाह के अनुसार कार्य करने हेतु । इसे 44वें संशोधन द्वारा संशोधित किया गया था जिसमें यह प्रावधान था कि राष्ट्रपति एक बार पुनर्विचार के लिए सलाह हेतु वापस भेज सकते हैं। किंतु, पुनर्विचार के पश्चात दी गई राय राष्ट्रपति के लिए बाध्यकारी होगी। अनुच्छेद 102 (1) (ए) में संशोधन कियायह उपबंध करने के लिए कि यदि कोई व्यक्ति भारत सरकार या किसी राज्य की सरकार के अधीन लाभ का ऐसा कोई पद धारण करता है, जिसे संसदीय विधि द्वारा अनर्ह घोषित किया गया है, तो उसे अनर्ह घोषित कर दिया जाएगा, यह शक्ति राज्य विधानमंडल के स्थान पर संसद में निहित होगी।