'धर्म ' तथा 'ऋत्' भारत की प्राचीन वैदिक सभ्यता के एक केन्द्रीय विचार को चित्रित करते हैं | इस सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए 1. 'धर्म ' व्यक्ति के दायित्वों एवं स्वयं तथा दूसरों के प्रति व्यक्तिगत कर्त्तव्यों की संकल्पना था | 2. 'ऋत्' मूलभूत नैतिक विधान था जो सृष्टि और उसमें अन्तर्निहित सारे तत्वों के क्रियाकलापों को संचालित करता था | उपरोक्त कथनों में कौन-सा/से कथन सही है/ हैं ? A.केवल 1 B.केवल 2 C.1 और 2 D.न तो 1 और न ही 2