किस सूफी ने खुद को 'अनलहक (मैं ईश्वर हूँ—अद्वैतमत के 'हम ब्रह्मास्मि'- मैं ब्रह्म हैं के समान) घोषित किया, जिस कारण उसे फाँसी पर लटका दिया गया? A.इब्नुल अरबी B.मंसूर अल हज्जाज C.बाबा फरीद D.मुइनुद्दीन चिश्ती
मंसूर अल हल्लाज (858 – मार्च 26, 922) एक कवि और तसव्वुफ़ (सूफ़ी) के प्रवर्तक विचारकों में से एक था जिसको सन ९२२ में अब्बासी ख़लीफ़ा अल मुक़्तदर के आदेश पर बहुत पड़ताल करने के बाद फ़ांसी पर लटका दिया गया था।[5][6][7] इसको अन अल हक़्क़ (मैं सच हूँ) के नारे के लिए भी जाना जाता है जो भारतीय अद्वैत सिद्धांत के अहं ब्रह्मास्मि के बहुत क़रीब है।