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Praveen Kumar Yadav

Ssc & Railways
General Awareness
2 years ago

जांति-पांति पूछै नहीं कोई / हरि का भजै सो हरि का होई'-ये पंक्तियां किसकी है ? A.रामानंद B.कबीर C.तुलसी D.सूर

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Sundaram Singh

2 years ago

स्वामी रामानंद ने नारा दिया कि जाति-पांति पूछे ना कोई- हरि को भजै सो हरि का होई। आचार्यश्री ने स्वतंत्र रूप से श्रीसम्प्रदाय का प्रवर्तन किया। इस सम्प्रदाय को रामानंदी अथवा वैरागी सम्प्रदाय भी कहते हैं। उन्होंने भक्तिमार्ग में जाति-पाति के भेद को तोड़ा और 'सर्वे प्रपत्तेधिरकारिणो मता:' कहकर रामभक्तिका दरवाजा सबके लिए खोल दिया। उनकी शिष्यमंडली में जुलाहे के घर पले-बढ़े कबीर से लेकर चर्मकार जाति में जन्मे रैदास तक शामिल थे।

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