user image

Praveen Kumar Yadav

Ssc & Railways
General Awareness
2 years ago

भक्ति आंदोलन के प्रारंभिक प्रतिपादक थे A.रामानुज आचार्य B.ज्ञानदेव / ज्ञानेश्वर C.वल्लभ आचार्य D.निम्बार्क आचार्य

user image

Sundaram Singh

2 years ago

रामानुजाचार्य ( जन्म: १०१७ - मृत्यु: ११३७ ) विशिष्टाद्वैत वेदान्त के प्रवर्तक थे। वह ऐसे वैष्णव सन्त थे जिनका भक्ति परम्परा पर बहुत गहरा प्रभाव रहा। रामानुजाचार्य रामानुजाचार्य जन्म लक्ष्मण १०१७ ईसवी सन्। श्रीपेरुमबुदुर, चोला साम्राज्य (वर्तमान तमिलनाडु, भारत) मृत्यु ११३७ ईसवी सन्। श्रीरंगम, तमिल नाडु, भारत गुरु/शिक्षक श्री यामुनाचार्य दर्शन विशिष्टाद्वैत खिताब/सम्मान श्रीवैष्णवतत्त्वशास्त्र के आचार्य साहित्यिक कार्य वेदान्तसंग्रहम्, श्रीभाष्यम्, गीताभाष्यम्, वेदान्तदीपम्, वेदान्तसारम्, शरणागतिगद्यम्, श्रीरंगगद्यम्, श्रीवैकुण्ठगद्यम्, नित्यग्रन्थम् धर्म हिन्दू दर्शन विशिष्टाद्वैत वैष्णव आचार्यों में प्रमुख रामानुजाचार्य की शिष्य परम्परा में ही रामानन्द हुए जिनके शिष्य कबीर, रैदास और सूरदास थे। रामानुज ने वेदान्त दर्शन पर आधारित अपना नया दर्शन विशिष्ट अद्वैत वेदान्त प्रतिपदि किया। रामानुजाचार्य दर्शन का आधार वेदान्त के अलावा सातवीं से दसवीं शताब्दी के रहस्यवादी एवं भक्तिमार्गी आलवार सन्तों के भक्ति-दर्शन तथा दक्षिण के पंचरात्र परम्परा थी। रामानुजाचार्य की स्मृति में ५ फरवरी २०२२ (वसन्त पञ्चमी) को हैदराबाद में समता की प्रतिमा का अनावरण किया गया जो २१६ फुट ऊँची है।

Recent Doubts

Close [x]