उच्चतम न्यायालय के अधिकार व शक्तियों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
उच्चतम न्यायालय हमारे देश का सबसे बड़ा न्यायालय है, अतः इसे सर्वोच्च (उच्चतम) न्यायालय कहा जाता है। यह दिल्ली में स्थित है। व्याख्या 1. प्रारम्भिक क्षेत्राधिकार- ऐसे विवाद जो देश के अन्य न्यायालयों में नहीं जाते केवल सर्वोच्च न्यायालय में ही प्रस्तुत होते हैं। (क) राज्यों के मध्य विवाद- (i) संघीय सरकार एवं एक या एक से अधिक राज्यों के बीच विवाद। (ii) ऐसा विवाद जिसमें एक ओर संघीय शासन व एक या अधिक राज्य हों तथा दूसरी ओर एक या अधिक राज्य हो। (iii) दो या दो से अधिक राज्यों के बीच विवाद (ख) मौलिक अधिकारों से संबंधित विवाद- नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए सर्वोच्च न्यायालय को समुचित कार्यवाही करने की शक्ति प्राप्त है। 2. अपीलीय क्षेत्राधिकार- सर्वोच्च न्यायालय देश का सबसे बड़ा अंतिम अपीलीय न्यायालय है। उस क्षेत्राधिकार के तहत् सर्वोच्च न्यायालय को निम्न अपील सुनने का अधिकार है। (क) संवैधानिक अपीलें (ख) दीवानी अपीलें (ग) फौजदारी अपीलें (घ) विशेष अपीलें । 3. परामर्शदात्री क्षेत्राधिकार- संविधान की धारा 143 के अनुसार यदि राष्ट्रपति किसी संवैधानिक या कानूनी प्रश्न पर सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श लेना चाहे तो राष्ट्रपति को परामर्श दे सकता है। 4. न्यायिक पुनरावलोकन सम्बन्धी क्षेत्राधिकारसर्वोच्च न्यायालयों को संसद एवं विधानसभाओं द्वारा निर्मित विधियों एवं प्रशासकीय निर्देशों की वैधता को जांचने का अधिकार है। इस अधिकार के द्वारा सर्वोच्च न्यायालय विधियों या नियमों की वैधता की जांच करता है। कि ये नियम या विधियाँ संविधान के अनुसार है या नहीं। अपनी इस शक्ति के द्वारा सर्वोच्च न्यायालय विधान की रक्षा करता है।