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Deepak Yadav

SSC & Railways
General Awareness
3 years ago

हिंदी में वचन के कितने भेद हैं?

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Sundaram Singh

3 years ago

हिन्दी में वचन दो होते हैं- (१) एकवचन (२) बहुवचन शब्द के जिस रूप से एक ही वस्तु का बोध हो, उसे एकवचन कहते हैं। जैसे-लड़का, गाय, सिपाही, बच्चा, कपड़ा, माता, माला, पुस्तक, स्त्री, टोपी बंदर, मोर आदि। शब्द के जिस रूप से अनेकता का बोध हो उसे बहुवचन कहते हैं। जैसे-लड़के, गायें, कपड़े, टोपियाँ, मालाएँ, माताएँ, पुस्तकें, वधुएँ, गुरुजन, रोटियाँ, स्त्रियाँ, लताएँ, बेटे आदि। हिन्दी में एकवचन के स्थान पर बहुवचन का प्रयोग (क) आदर के लिए भी बहुवचन का प्रयोग होता है। जैसे- (1) भीष्म पितामह तो ब्रह्मचारी थे। (2) गुरुजी आज नहीं आये। (3) शिवाजी सच्चे वीर थे। (ख) बड़प्पन दर्शाने के लिए कुछ लोग वह के स्थान पर वे और मैं के स्थान हम का प्रयोग करते हैं जैसे- (1) मालिक ने कर्मचारी से कहा, हम मीटिंग में जा रहे हैं। (2) आज गुरुजी आए तो वे प्रसन्न दिखाई दे रहे थे। (ग) केश, रोम, अश्रु, प्राण, दर्शन, लोग, दर्शक, समाचार, दाम, होश, भाग्य आदि ऐसे शब्द हैं जिनका प्रयोग बहुधा बहुवचन में ही होता है। जैसे- (1) तुम्हारे केश बड़े सुन्दर हैं। (2) लोग कहते हैं। बहुवचन के स्थान पर एकवचन का प्रयोग (क) तू एकवचन है जिसका बहुवचन है तुम किन्तु सभ्य लोग आजकल लोक-व्यवहार में एकवचन के लिए तुम का ही प्रयोग करते हैं जैसे- (1) मित्र, तुम कब आए। (2) क्या तुमने खाना खा लिया। (ख) वर्ग, वृंद, दल, गण, जाति आदि शब्द अनेकता को प्रकट करने वाले हैं, किन्तु इनका व्यवहार एकवचन के समान होता है। जैसे- (1) सैनिक दल शत्रु का दमन कर रहा है। (2) स्त्री जाति संघर्ष कर रही है। (ग) जातिवाचक शब्दों का प्रयोग एकवचन में किया जा सकता है। जैसे- (1) सोना बहुमूल्य वस्तु है। (2) मुंबई का आम स्वादिष्ट होता है। कुछ शब्द हमेशा एकवचन ही होते है जैसे _ जनता , सामग्री, प्रजा, माल सोना सामान आग, हवा , वर्षा आदि

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