एनीलिडा के जंतु, आश्रोपोडा के जंतुओं से किस प्रकार भिन्न हैं?
एनीलिडा : 1.इनका शरीर द्विपाश्वर् सममिति , त्रिकोरक और खंड युक्त होता है। 2. इनकी देहगुहा में अंतरंग पाए जाते हैं। जिसे सिलोम कहते हैं 3. इसके जीवो की संख्या कम है। 4.इसमें नेत्र नहीं होते हैं। 5. आहार नली सीधी होती है। 6. यह एक लिंगी या द्विलिंगी होते हैं। 7.इनमें परिचालन शूक, चूसक, पैरोपोडिया के द्वारा होता है। 8. इनमें बाहरी कंकाल नहीं होता। आर्थोपोडा : 1.इनका शरीर द्विपाश्वर् सममिति पाई जाती है और शरीर खंड युक्त होता है। 2.इनके खुला परिसंचरण तंत्र होता है जिसके कारण देहगुहा रक्त से भरी रहती है। इसे हीमोफीलिया कहते हैं। 3. इस वर्ग में सबसे अधिक जीव है। 4. इनमें संयुक्त नेत्र होते हैं। 5. आहार नली कुंडलित नलिका होती है। 6 .यह एक लिंगी होते हैं। 7.इनमें परिचालन संधि युक्त अंगों से होता है। 8.इनमें बाहरी कंकाल काइटिन से बना होता है।