वाइमर गणराज्य के सामने क्या समस्याएँ थीं?
वीमर गणराज्य को निम्नलिखित समस्याओ का सामना करना पडा: राजनीतिक दोष – वेइमार गणराज्य संवैधानिक अनियमितताओं के कारण कमजोर था और यह आनुपातिक प्रतिनिधित्व और अनुच्छेद 48 की तरह अंतर्निहित था. लोकतांत्रिक संसदीय प्रणाली लोगों को संकटों के समय में कोई लाभ नहीं देती थी. वर्साल्स संधि – प्रथम विश्व युद्ध के अंत में हुई इस संधि ने एक देश के रूप में जर्मनी को उसके क्षेत्रों, उसके गौरव और उसके संसाधनों से दूर कर दिया. वीमर गणराज्य ने अपमानजनक संधि स्वीकार कर ली, जिससे यह जर्मन जनता के बीच अलोकप्रिय हो गई. आर्थिक संकट – युद्ध के भारी कर्ज के कारण जर्मनी का राज्य आर्थिक रूप से अपंग हो गया था और इसका भुगतान सोने में किया जाना था. और बाद में सोने का भंडार कम हो गया और जर्मन मार्क वैल्यू भी गिर गई और आवश्यक वस्तुओं की कीमतें अचानक से बढ़ जाती हैं. वीमर गणराज्य में बहुत कम समय के भीतर अलग-अलग मंत्रिमंडल बन गये थे. और जल्द ही लोगों ने संसदीय प्रणाली से विश्वास खो दिया