हड़प्पा सभ्यता किन दो दृष्टियों से हमारी सबसे बड़ी विरासत है?
हड़प्पावासियों से बाद की पीढ़ियों ने मिट्टी के बर्तनों, ईंटों, गहनों, मोतियों को बनाने की कला को अपनाया। इतना ही नहीं, हड़प्पावासियों को कपास की खेती का श्रेय भी दिया गया है, जिसे बाद में मिस्रवासियों ने सिद्ध किया। हड़प्पा के कई देवताओं को आज भी हिंदू धर्म में पूजा जाता है। अंतिम उत्तर बाद की पीढ़ी ने हड़प्पावासियों से मिट्टी के बर्तन, कपास बनाने की कला को अपनाया। आज प्रचलित कई धार्मिक प्रथाएँ हड़प्पा संस्कृति की उपज हैं। इसलिए हड़प्पावासियों ने आज भी हमारे जीवन शैली विकल्पों को प्रभावित किया है।