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Adarsh Singh

SSC & Railways
General Awareness
2 years ago

जैनियों के लिए निर्धारित किन्हीं चार व्रतों की सूची बनाइए।

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Vivek Singh

2 years ago

एक जैन गृहस्थ द्वारा चार व्रतों का प्रचार किया जाना था। इसमें अहिंसा यानी अहिंसा, आचार्य या अस्तेय यानी चोरी न करना, सत्य यानी सच बोलना और अपरिग्रह यानी संपत्ति न रखना शामिल था। एक पाँचवाँ व्रत भी था जो केवल महावीर द्वारा जोड़ा गया था और इसे ब्रह्मचर्य कहा जाता था, अर्थात पवित्रता का अभ्यास करना। जैनियों के लिए निर्धारित चार व्रतों में अहिंसा, आचार्य, सत्य और अपरिग्रह शामिल थे।

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