sabse pahle kaun sa enzyme bhojan Ka pachan Karna Shuru karta hai
मुख में आहार दाँतों द्वारा चबाकर सूक्ष्म कणों में विभक्त किया जाता है और उसमें लार मिलता रहता हैं, जिसमें टायलिन (Ptylin) नामक एंज़ाइम मिला रहता है। यह रस मुँह के बाहर स्थित कपोलग्रंथि और अधोहन्वीय तथा अधोजिह्व ग्रंथियों में बनता हैं। इन ग्रंथियों से, विशेषकर आहार को चबाते समय उनकी वाहनियों द्वारा, लार रस मुँह में आता रहता है। इसकी क्रिया क्षारीय होती है। उसके टायलिन एंजाइम की रासायनिक क्रिया विशेषकर कार्बोहाइड्रेट पर होती हैं, जिससे उसका स्टार्च पहले डेक्सट्रिन (dextrin) में और तत्पश्चात् ग्लूकोज़ में परिवर्तित हो जाता है। साधारण ईख की चीनी में भी यही परिवर्तन होता है। आहार के ग्रास को गीला और स्निग्ध करना भी लार का मुख्य कार्य हैं, जिससे वह सहज में निगला जा सके और पतला ग्रास नाल में होता हुआ आमाशय में पहुँच जाय।
Salivary Amylase