जैव विविधता के ह्रास का मुख्य कारण है?
जैव विविधता किसी क्षेत्र विशेष की समस्त जीनों, जातियों एवं पारितंत्रों का संग्रह है। इसके तीन स्तर हैं j<br> (i) जीन स्तर, (ii) जाति स्तर, तथा (iii) सामुदायिक या पारितंत्री स्तर। हाल में इसके महत्त्वपूर्ण होने के निम्न कारण हैं- जैविक विविधता का अमाप जाने बिना ही हम इसे खोते जा रहे हैं। <br> (i) जैव विविधता का ह्रास जीवों के विकास की क्षमता, जो पर्यावरणीय परिवर्तनों का सामना करने के लिए आवश्यक है, को रोकेगा। (iii) जैव विविधता मानव को भोजन तथा नई फसलें प्रदत करती है। (iv) यह हमें कई दवाएँ तथा पेट्रोलियम के स्थानापन्न स्रोत देती है। <br> जैव विविधता का ह्रास आवास का ह्रास तथा विखंडन जैव विविधता का नाश करता है। वृक्षोन्मूलन, नमभूमि का भराव आदि आवास का ह्रास करते हैं। (1) नैसर्गिक बाधाओं यथा आग, वृक्षापात, कीटों के आक्रमण द्वारा भी समुदाय की जाति बाधित होती है। (1) संवेदनशील प्रजातियाँ प्रदूषण से कम होती हैं तथा समष्टि हटा भी दी जाती हैं। काशीशाविषाक्त के कारण भी जलीय जीवों की विविधता नष्ट होती है। विदेशी (exotic) जातियों के नए भौगोलिक क्षेत्रों में पुनस्थापन के प्रभाव से देशी जातियाँ लुप्त हो रही हैं।