अनुनासिक चिन्ह का प्रयोग कहां किया जाता है
अनुनासिक का प्रयोग जिस प्रकार अनुनासिक की परिभाषा में बताया गया है कि जिन स्वरों का उच्चारण मुख और नासिका दोनों से किया जाता है, वे अनुनासिक कहलाते हैं और इन्हीं स्वरों को लिखते समय इनके ऊपर अनुनासिक के चिह्न चन्द्रबिन्दु (ँ) का प्रयोग किया जाता है। यह ध्वनि (अनुनासिक) वास्तव में स्वरों का गुण होती है।
अनुनासिक का प्रयोग यह ध्वनि (अनुनासिक) वास्तव में स्वरों का गुण होती है। अ, आ, उ, ऊ, तथा ऋ स्वर वाले शब्दों में अनुनासिक लगता है। जैसे – कुआँ, चाँद, अँधेरा आदि।