AB रक्त वर्ग वाले व्यक्ति को सार्वत्रिक ग्राही कहा जाता है, क्योंकि –
AB रक्त वर्ग वाले व्यक्ति को कभी-कभी सार्वत्रिक रक्त दाता कहा जाता है, क्योंकि उसके रक्त में प्रतिपिण्ड AB (एण्टीबॉडी) का अभाव होता है। लाल रुधिराणुओं की कोशिका कला पर इलाइकोप्रोटीन उपस्थित होते हैं। यह दो प्रकार के होते हैं, प्रतिजन A तथा प्रतिजन B इसी के आधार पर मानव रुधिर को मुख्यतया चार वर्गों में बांटा गया हैं, A, B, AB तथा OI लाल रुधिर कणिकाओं में जो प्रतिजन पाए जाते हैं उन्हीं से सुमेलित होकर रुधिर वर्गों में प्रतिपिण्ड या प्रतिरक्षी भी पाए जाते हैं। ये प्रतिरक्षी रुधिर के प्लाज्मा में उपस्थित होते हैं। ये भी दो प्रकार के होते हैं, A रोधी और B रोधी।